Operation Muskaan: एक साल में 511 नाबालिग लापता 12 राज्यों से 459 बच्चे बरामद, दूसरे राज्यों से बरामद हुईं 103 नाबालिग, सर्वाधिक UP से

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रीवा जिले में पिछले साल 511 नाबालिग लापता हुए थे। पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन चलाकर 90 फीसदी बच्चों को बरामद कर लिया, जबकि 10 फीसदी बच्चे ही बचे हैं. घर से लापता होने वालों में 377 लड़कियां और 134 लड़के शामिल हैं. जिनमें से 331 लड़कियां और 128 लड़के बरामद किए गए। पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले से लापता हुए नाबालिगों में ज्यादातर दिल्ली-मुंबई और पड़ोसी यूपी में मिले हैं. पुलिस ने 103 लड़कियों को दूसरे राज्यों से बरामद किया है। आरोपी उन्हें बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था। घटना के वक्त इसका अंदाजा नहीं लगा होगा, लेकिन जब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह घर लौट आई।

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पुलिस ने देश के 12 राज्यों से 103 नाबालिग लड़कियों को बरामद कर उनकी सकुशल घर वापसी करायी है. इससे परेशान परिजनों के चेहरों पर खुशी लौट आई। इनमें से ज्यादातर नाबालिग यूपी से बरामद किए गए हैं। इनकी संख्या 20 है। वहीं, पुलिस ने मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से 50 नाबालिगों को बरामद किया है। जिले में बरामद नाबालिगों की संख्या 473 रही। जिले से हर माह करीब दो नाबालिग लापता हो जाती हैं। इनमें लड़कियों की संख्या काफी ज्यादा है। इसके लिए पुलिस सभी 363 मामलों में त्वरित कार्रवाई कर बच्चियों को ट्रेस कर सकुशल वापस लाएगी।

इन राज्यों और जिलों से मिले नाबालिग बच्चे

बरामद नाबालिगों में यूपी के 20, छत्तीसगढ़ के 13, गुजरात के 18, महाराष्ट्र के 12, दिल्ली के 15, राजस्थान के 5, बिहार के 5. उड़ीसा के 4. दमनदीव के 5. हरियाणा के 3. हैदराबाद के 2. पंजाब के 1. इसके अलावा म.प्र. इटारसी 2. सतना 7. जबलपुर 7. रायसेन 2, सिंगरौली 2. सागर 2. उज्जैन 4, इंदौर 5, सीधी 2. उमरिया 2. भोपाल 4, रतलाम 1, धार 2. मुरैना 2. दमोह 2 हैं। 10% मामले पैडिंग हैं।

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58 नाबालिग लड़कियों से रेप, दो को बेचा

पुलिस द्वारा बरामद की गई 58 नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया। इनमें धारा 376 बढ़ा दी गई है, करीब 70 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा दो लड़कियों को जिले से अगवा कर राजस्थान व दमोह में बेच दिया गया था. पुलिस ने उन्हें भी बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया। सौदा करने वाले आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

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काउंसलिंग आवश्यक

लापता बच्चों की काउंसलिंग जरूरी है। नासमझी में अक्सर वह गलतियां कर देते हैं और दूसरे की बातों में इस तरह का कदम उठा लेते हैं। काउंसलिंग मिलेगी तो उन्हें गलती का अहसास होगा और दोबारा ऐसा कदम नहीं उठाएंगे। इसके अलावा घर वालों को भी बच्चों को पर्याप्त समय देना चाहिए। वह किससे बात कर रहे हैं, किसके साथ घूम रहे हैं। इस बात पर नजर रखने की आवश्यकता है। बच्चों की सोच कैरियर की ओर मोडने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों से गलतियां होना लालिमी है, लेकिन परिजनों को इसके लिए सतर्क रहना होगा। उनको घर से भागने पर होने वाले अपराधों की जानकारी भी दी जानी चाहिए। ताकि, वह नादानी में ऐसा कोई कदम न उठाएं।

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शिवाली चतुर्वेदी, सीएसपी

गत वर्ष 511 नाबालिग लापता हुए थे, जिन्हें बरामद करने ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया और 128 बालक व 331 बालिकाओं को बरामद कर लिया है। 90 फीसदी बच्चों की सुरक्षित वापसी कराई। वाहन व अतिरिक्त बल भी उपलब्ध कराया गया। फिर बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने की तैयारी है।

नवनीत भसीन, एसपी रीवा

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