
रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना अंतर्गत नाबा दिहिया गांव के कुएं में गिरे भालू को 5 घंटे में बचा लिया गया है. सूत्रों की मानें तो रविवार सुबह कुएं से कुछ आवाज आई। जब मैं मौके पर गया तो मुझे एक भालू दिखाई दिया। जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस व वन विभाग को दी। सूचना के बाद बैकुंठपुर पुलिस मौके पर पहुंची.
कुछ देर बाद स्थानीय वन अमला भी पहुंच गया। लेकिन भालू के कुएं में गिरते ही मुकुंदपुर टाइगर सफारी की रेस्क्यू टीम से संपर्क किया गया. जिसके बाद डॉ. राजेश तोमर के नेतृत्व में टाइगर सफारी की रेस्क्यू टीम ने कुएं में पिंजरा लगाया, लेकिन भालू अंदर जाने को तैयार नहीं हुआ. ऐसे में भालू को शांत कराकर बाहर निकाला गया है।
सिरमौर के जंगलों से गांव पहुंचा भालू:
बैकुंठपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि रविवार की सुबह 7.30 बजे नबा गांव के कुएं में भालू के आने की सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। मौके की पड़ताल करने पर पता चला कि भालू सिरमौर क्षेत्र के जंगलों से भटक कर गांव में आ गया है. लेकिन रात में वह छल से कुएं में गिर गया। हालांकि, भालू जिस कुएं में गिरा है। यह गांव के बाहर एक फार्म हाउस के बगल में है।
मुकुंदपुर टाइगर सफारी की रेस्क्यू टीम ने 5 घंटे में रेस्क्यू पूरा हुआ
बता दें कि मुकुंदपुर टाइगर सफारी की रेस्क्यू टीम ने स्थानीय वन अमले और पुलिस की मदद से 5 घंटे में कामयाबी हासिल कर ली है. दावा किया जा रहा है कि जल्द ही रेस्क्यू पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन कुएं के अंदर मौजूद भालू पंजीरा में प्रवेश नहीं कर रहा था। ऐसे में ट्रैंक्विलाइज गन से फायरिंग कर वह बेहोश हो गया। जब वह पूरी तरह से बेहोश हो गया तो उसे छाल में बांधकर बाहर निकाला गया।