रीवा जिले के 27 समितियों की खुले आसमान में रखी 3740 क्विंटल धान भीगी, मौसम के पूर्वानुमान के चलते कलेक्टर ने खरीद केन्द्रों में तिरपाल के इंतजाम के दिए थे निर्देश

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उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी की वजह से मध्यप्रदेश समेत रीवा जिले में हुई मंगलवार को बेमौसम बारिश से उपार्जन केन्द्रों में रखी लाखों रुपए की धान भीग गई है। सोशल मीडिया से धान भीगने की फोटो देखने के बाद बुधवार को रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग के अधिकारियों से साथ समिति प्रबंधकों पर नाराजगी जाहिर करते हुए नुकसानी के आकलन की रिपोर्ट मंगाई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार की दोपहर हुई वर्षा से 27 धान खरीदी केन्द्रों में खुले में रखी तकरीबन 3740 क्विंटल धान पानी में खराब हो गई है। हालांकि इनकी बोरियां खोली गई है, लेकिन धूप न निकलने की वजह से सूखने की स्थित में नहीं है। ऐसे में लापरवाह समिति प्रबंधकों को कलेक्टर ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

खुले में रखी धान भीग गई
बता दें कि दो दिन पहले ही मौसम विज्ञानिकों ने मंगलवार, बुधवार और गुरुवार के मौसम खराब रहने की आशंका जाहिर की थी। साथ ही कहा था कि मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होगी। इसके बावजूद समिति प्रबंधकों ने तिरपाल की व्यवस्था नहीं की। नतीजन खुले में रखी 3 हजार क्विंटल से ज्यादा धान भीग गई है।

तिरपाल के लिए मिलता है 3 से 5 लाख का बजट
किसानों का आरोप है कि सहकारी समितियों की धान को सुरक्षित ढकने के लिए 3 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए का बजट दिया जाता है। फिर भी जानबूझकर जिम्मेदार तिरपाल नहीं खरीदते है। नतीजन हर साल गेहूं और धान बेमौसम वर्षा की भेंट चढ़ जाती है। जबकि समिति प्रबंधकों को मालूम था कि मंगलवार को वर्षा होगी। फिर भी तिरपाल का इंतजाम नहीं किए।

इन समितियों की धान भीगी
जिन समितियों की धान सबसे ज्यादा भीगी है। उनमे गुढ़ क्षेत्र की गुढ़ नंबर दो, दुआरी नंबर एक, दुआरी नंबर दो, हनुमना क्षेत्र की मिसिरगवां, अटरिया, बन्ना, पांती, कैलासपुर, मुनिहाई, जोढ़ी, खटखरी, मनगवां क्षेत्र की बेलवा पैकान, नयागांव, उमरी, जोरौट, टिकुरा, त्योंहर क्षेत्र की कुठिला, रीवा क्षेत्र की चोरहटा मंडी, खैरा नंबर एक, खैरा नंबर दो, बहुरी बांध मंड़ी शामिल है। इसी तरह सेवा सहकारी समिति पहाड़ी अंतर्गत पटेहरा, देवरा, पहाड़ी, टिटिहरा, हर्दी, गौरी, बहुती की धान शामिल है।

किसानों को भुगतान और धान परिवहन में तेजी लाएं
संभागायुक्त अनिल सुचारी ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की समीक्षा की। कहा कि किसानों से उपार्जित धान का तीन दिवस में भुगतान करें। किसी भी तरह की बाधा आने पर तत्काल दूर करें। स्वीकृति पत्रक समय पर जारी कर फीडिंग कराएं। जिससे किसानों को समय पर भुगतान हो सके। ऐसे में भुगतान की रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करें। कहा कि सीधी और सिंगरौली जिले में धान का परिवहन संतोषजनक नहीं है। सतना और रीवा जिले के मऊगंज तहसील के कई केन्द्रों में भी परिवहन संतोषजनक नहीं है।

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