
भोपाल. सोते समय खर्राटे आना अक्सर आम माना जाता है, लेकिन यह गंभीर बीमारियों का कारण और संकेत हो सकता है। एक शोध के अनुसार शहर के हर चौथे वयस्क पुरुष और सातवी-आठवीं महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। एम्स भोपाल के डॉक्टरों के अनुसार, इसका समय रहते उपचार न होने पर जान भी जा सकती है। खर्राटे आना स्लीप एपनिया नामक एक गंभीर स्लीप डिसऑर्डर है। इसी बीमारी से संगीतकार बप्पी लाहिड़ी और अमेरिकी के दो भूतपूर्व राष्ट्रपति की मौत हो चुकी है।
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स्लीप एपनिया के लक्षण
■ तेज खर्राटे आना
■ अत्यधिक थकान होना
■ काम में मन नहीं लगना
■ भूलने की आदत पड़ना. चिंता, अवसाद, सिर दर्द और यौन रोग का होना
इन बीमारियों का खतरा
स्लीप एपनिया की वजह से डायबिटीज, हृदय रोग, हार्ट फेलियर, हाइपरटेंशन, मोटापा और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। स्लीप एपनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को, यहां तक कि बच्चों को भी हो सकता है। स्लीप एपनिया के कई कारण हो सकते हैं। इनमें मोटापा प्रमुख है। एम्स भोपाल में अब तक 2000 मरीज इसके सामने आ चुके हैं। स्लीप एपनिया गले की मांसपेशियों से सांस की नली के बंद होने से होता है। बीमारी गंभीर स्तर तक पहुंच जाती है तो एक रात में सैकड़ों बार खर्राटे आ सकते हैं। इससे शरीर के अंगों में ऑक्सीजन का फ्लो कम हो जाता है, जो दिल व मस्तिष्क से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
डॉ. अभिषेक गोयल, स्लीप
स्पेशलिस्ट, एम्स