महंगाई की मार: अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल की कीमतें एक माह में ही 14% बढ़ीं, गेहूं-आटा हो सकता है 6 रुपए किलो एफ सस्ता, पर अब चावल दिखा रहा तेवर

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नई दिल्ली. महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। गेहूं के भाव में गिरावट आने के आसार हैं। बाजार के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने का जो फैसला लिया है इससे गेहूं और आटे की कीमतों में 4 से 6 रुपए प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आ सकती है। 30 लाख टन गेहूं को भारतीय खाद्य निगम के जरिए अगले 2 महीनों में आटा मिल मालिकों को ई-नीलामी के जरिए बेचेगी।

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गेहूं का आटा को लोगों तक अधिकतम 29 रुपए किलो के खुदरा मूल्य पर देने के लिए एफसीआई गेहूं को आटा मिलों, पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और अन्य संस्थाओं को 23.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगा। देश के प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत को 33.43 रुपए प्रति किलो है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में भाव 28.15 रुपए था। वहीं, इस साल आटा की औसत कीमतें 37.95 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई जो पिछले साल 31.36 रुपए प्रति किलोग्राम था।

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चावल की बढ़ रही कीमतें

दुनियाभर में चावल क कीमतें उछाल मार रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक महीने में ही भारतीय चावल की कीमतें 14% बढ़ गई है। थाईलैंड से निर्यातित चावल दो साल के रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसकी कीमत से चावल का निर्यात 465 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 523 डॉलर पर है। यही हाल पाकिस्तानी और वियतनामी चावल का भी है। इनका कीमतें भी एक माह में 10% बढ़ी हैं। दुनिया में फिर खाद्य संकट गहराने लगा है।

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