CG News: बिजली काटने की धमकी देकर ऑनलाइन ठगी, विभाग के अधिकारी को बुलाया, झारखंड के जामताड़ा से एक आरोपी गिरफ्तार

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झारखंड के जामताड़ा जिले से ऑनलाइन ठगी के एक आरोपी को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी लोगों को फोन कर बिजली कनेक्शन काटने की सूचना देते थे। इसके बाद जो भी उसकी आड़ में आता वह उससे एप डाउनलोड कर ऑनलाइन ठगी करता था। आरोपी ने बताया कि ऐसा करके उसने डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की है।
एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि जामताड़ा निवासी मुकेश मंडल ने 9वीं तक पढ़ाई की है. वह जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना अंतर्गत झिलुवा टोला गांव का रहने वाला है. उनके गांव में ही नहीं बल्कि पूरे जामताड़ा में 10 हजार से ज्यादा लोग ऑनलाइन ठगी करते हैं.

उन्होंने यह काम भी उनके साथ रहकर ही सीखा। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम बनाई और साइबर फ्रॉड करने लगे। मुकेश मंडल ने 10 जुलाई 2022 को सुंदर नगर कोहका निवासी पुष्पेंद्र गजेंद्र को संदेश भेजा था. लिखा था कि अगर वह बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा. अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो नीचे दिए गए नंबर पर कॉल करें। पुष्पेंद्र ने उस नंबर पर फोन किया तो आरोपी ने अपना परिचय बिजली विभाग का अधिकारी बताया। इसके बाद उन्होंने अपने मोबाइल में क्विक सपोर्ट नाम का एप डाउनलोड करवाया, जिसमें कहा गया था कि वह बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करेंगे। उसके बाद उसने आवेदक के खाते से 1 लाख 48030 रुपये काट लिए। धोखाधड़ी का पता चलने के बाद पुष्पेंद्र गजेंद्र ने स्मृति नगर चौकी में शिकायत दर्ज कराई।

इस तरह करते हैं ऑनलाइन फ्रॉड

मुकेश मंडल ने बताया कि वह अपने साथी अजय मंडल, अक्षय उर्फ ​​पिंटू मंडल और रंजीत मंडल के साथ मिलकर साइबर ठगी करता है. मुकेश मंडल सिर्फ डेढ़ हजार में गूगल के जरिए डेवलपर से 10 हजार मोबाइल नंबर का डाटा खरीदता है। इसके बाद अजय मंडल और अक्षय मंडल बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी बन जाते हैं और बिजली बिल जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काटने का संदेश वाट्सएप पर भेजते हैं. इस मैसेज में वो लोग बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल नंबर देते हैं. उनके नंबर पर जैसे ही कोई कॉल करता है तो वह खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताता है। इसके बाद वे लोग फोन में ही आवेदक के मोबाइल में क्विक सपोर्ट नाम का एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं। इस ऐप के जरिए वे अपने मोबाइल का पूरा एक्सेस लेते हैं और आवेदक के बैंक खातों से फर्जी नाम और पते के साथ अलग-अलग खातों में फंड ट्रांसफर करते हैं।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी

मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। साइबर सेल की टीम ने जामताड़ा में स्थानीय पुलिस से संपर्क कर आरोपी का फोटो हासिल किया. इसके बाद वहां एक टीम भेजी गई। तीन दिन वहां रहने के बाद दुर्ग पुलिस की टीम ने आरोपियों के रास्ते, उनके उठने-बैठने के तरीके और उनके बैठने की जगहों पर लगातार नजर रखी. इसी बीच टीम को सूचना मिली कि आरोपी रोज शाम को मटन की दुकान पर मटन खरीदने आता है। पुलिस टीम स्थानीय ग्रामीण के गेटअप में आरोपी के मटन की दुकान के पास आने का इंतजार करती रही. शाम करीब साढ़े पांच बजे जैसे ही आरोपी काली बाइक पर मटन खरीदने आया, उसे घेर कर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके तीन अन्य साथी भाग गए। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है।

लैपटॉप व नकद राशि की जब्त

पुलिस ने आरोपी मुकेश मंडल के घर से 35,500 रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसमें 2 एंड्रॉइड मोबाइल और सिम कार्ड के खाली डिब्बे, 1 लैपटॉप, 2 छोटे मोबाइल फोन और 3 मोबाइल फोन शामिल हैं.

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