
भोपालः मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को लेकर सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल राज्य में पंचायत चुनाव पर फिलहाल रोक लग गई है. पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) टालने को लेकर कैबिनेट (Shivraj Cabinet) में सहमति बन गई है. जिसके बाद सरकार चुनाव पर रोक के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव भेजेगी. इस प्रस्ताव में सरकार ने पंचायत चुनाव का अध्यादेश वापस लेने की मांग की है. राज्यपाल की मंजूरी के बाद निर्वाचन आयोग आधिकारिक रूप से पंचायत चुनाव पर रोक का ऐलान करेगा. खबर आ रही है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान थोड़ी देर में राजभवन जाकर राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात कर सकते हैं.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने की थी चुनाव टालने की बात
इससे पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए पंचायत चुनाव टालने की बात कही थी. आज एक बार फिर उन्होंने अपनी बात को दोहराया और कहा कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस फिर से बढ़ रहे हैं. ऐसे में चुनाव टाला जाना चाहिए. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है. कोरोना पॉजिटिव के मामले भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव टालना ही ठीक होगा. जिसके बाद आज मंत्रालय में शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें पंचायत चुनाव टालने पर सहमति बनी.
इससे पहले ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग की सीटों पर चुनाव पर स्टे लगा दिया था. जिसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि पंचायत चुनाव टाले जा सकते हैं. सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे, जिसे विपक्ष ने भी समर्थन दिया. सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई है. हालांकि चुनाव की प्रक्रिया चलती रही लेकिन अब कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने का फैसला किया है.
ओमिक्रोन (Omicron) के बढ़ते खतरे ने बढ़ाई चिंता
बता दें कि मध्य प्रदेश में ओमिक्रोन की एंट्री हो गई है. राज्य में ओमिक्रोन के 8 मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 6 ठीक हो गए हैं और 2 का इलाज चल रहा है. वहीं प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 41 नए मरीज मिले हैं. राजधानी भोपाल और इंदौर में सबसे ज्यादा मरीज मिली है. फिलहाल प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 252 हो गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव टालने के फैसले में कोरोना के बढ़ते खतरे की भी अहम भूमिका है