
Stambheshwar Mahadev Temple: स्कंद पुराण और शिव पुराण की रुद्र संहिता में गुजरात के वडोदरा में स्थित स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर का उल्लेख है, जो हर दिन गायब हो जाता है।
Stambheshwar Mahadev मंदिर वडोदरा: सावन के महीने में शिव मंदिरों के दर्शन, प्रमुख तीर्थों में जाना बहुत फलदायी होता है. इसलिए सावन के महीने में देश के प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रहती है. इनमें से कई मंदिर प्राचीन हैं और इनसे जुड़े रहस्यों के कारण दुनिया भर से लोग इनके दर्शन करने आते हैं। गुजरात के वडोदरा में एक ऐसा विश्व प्रसिद्ध मंदिर है, जो हर रोज गायब हो जाता है और फिर से प्रकट होता है। इस रोमांचक आयोजन को देखने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं।
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समुद्र में स्थित है यह शिव मंदिर:
भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर स्तंबेश्वर महादेव मंदिर समुद्र में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने की थी। समुद्र के अंदर मौजूद यह मंदिर दिन में दो बार पानी में डूब जाता है और फिर दिखने लगता है। दरअसल, इस समुद्र में पानी का स्तर हर दिन इतना बढ़ जाता है कि मंदिर जलमग्न हो जाता है और पानी का स्तर कम होने पर मंदिर फिर से दिखने लगता है। यह घटना रोज सुबह-शाम होती है।
समुद्र करता है शिव जी का अभिषेक :
समुद्र में शिव मंदिर के डूबने और फिर से प्रकट होने की इस घटना को भक्तों द्वारा समुद्र के द्वारा शिव का अभिषेक कहा जाता है। जब समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगता है तो कुछ समय के लिए मंदिर में भक्तों का प्रवेश रोक दिया जाता है। स्कंद पुराण और शिव पुराण की रुद्र संहिता में स्तंबेश्वर तीर्थ के बारे में कहा गया है कि ताड़कासुर राक्षस ने घोर तपस्या करके शिव से वरदान लिया था कि केवल शिव के पुत्र ही उसे मार सकते हैं। इसके बाद केवल 6 दिन के कार्तिकेय ने लोगों को ताड़ाकासुन की तबाही से मुक्त करने के लिए ताड़ाकासुर का वध किया।
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इसके बाद इस शिव मंदिर का निर्माण उस स्थान पर किया गया जहां राक्षस का वध किया गया था। आपको बता दें कि इस मंदिर की खोज करीब 150 साल पहले ही हुई है।